रांची
झारखंड सरकार की नाकामियों की शिकायत लेकर बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिला। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांड और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने की। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो गयी है। राज्य सरकार की वादा खिलाफी ने आम जनता, युवा, महिला, किसान, दलित, आदिवासी सभी वर्गों को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। कहा कि राज्य की जनता सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के संकट झेल रही है। जनता भय और आतंक के माहौल में जी रही है।
व्यापारियों को मांगने पर भी नहीं मिल रही सुरक्षा
बाबूलाल ने इस दौरान कहा कि राज्य में आये दिन हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, चोरी, डकैती की घटनाएं हो रही हैँ। ये घटनाएं अखबारों की सुर्खियां बनी हुई हैं। अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा है कि वे जेल में भी हत्या करने में सफल हो रहे हैं। सरकार व्यापारियों को मांगने पर भी सुरक्षा नहीं दे रही है। पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं। कहा कि सत्ता संपोषित भ्रष्टाचार ने रिकॉर्ड बनाया है। खान, खनिज, बालू, पत्थर, जमीन की लूट के साथ आजाद भारत का सबसे बड़ा कैश कांड भी झारखंड में हो गया है। सत्ताधारी गठबंधन के कारनामों ने राज्य को कलंकित और शर्मशार किया है।
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
बेजीपी प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में विधि व्यवस्था का स्तर लगातार गिरने की शिकायत की। कहा कि भ्रष्टाचार के कारनामों के बीच राज्य में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के संरक्षण और संवर्धन के गंभीर आरोप लग रहे हैं। राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई में स्वयं मुख्यमंत्री घिरे हैं। राज्य के कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जेल में बंद हैं। बीजेपी इन सब मामलों का संवैधानिक समाधान चाहती है। प्रतिनिधिमंडल ने इस बाबत राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में इन बाबूलाल और अमर बाउरी सहित इन नेताओं के हस्ताक्षर हैं, सीपी सिंह, बिरंची नारायण, जेपी पटेल, नवीन जायसवाल, अनंत कुमार ओझा, कोचे मुंडा, केदार हाजरा, भानु प्रताप शाही, नीरा यादव, राज सिन्हा, नारायण दास, अमित मंडल, ढुल्लू महतो, आलोक चौरसिया, मनीष जायसवाल, समरी लाल, अपर्णा सेनगुप्ता, शशि भूषण मेहता, किशुन कुमार दास और पुष्पा देवी।